अभिरुचि एकदम
पेशे से शिक्षक, अभिरुचि से पत्रकार और दिल से कवि श्री मिथिलेश कुमार राय; जो मेरे सहृदय मित्र हैं, इस ‘वैश्विक मित्रता दिवस’ पर उनके पास पुस्तक ‘पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद’ और ‘लव इन डार्विन’ पिछले साल ही पहुँच गयी !
ध्यातव्य है, मिथिलेश जी की एक कहानी पर हिंदी फ़िल्म भी बन चुकी है, तो उनकी एक कविता -पुस्तक भी छपकर आ चुकी है। वे ‘कोशी’ अंचल ही नहीं; अपितु देश, हिंदी और रेणु जी की भाषा लिए सुख्यात कवि, कथाकार और चर्चित स्तम्भकार हैं। फ़ेसबुक सहित दैनिक अखबार ‘प्रभात ख़बर’ में मिथिलेश जी के नियमित स्तम्भ -लेखन का लुत्फ़ हिंदीभाषी तो निश्चितश: उठा ही सकते हैं!
हिंदी के अनन्य उपासक मिथिलेश जी के प्रति कोटिश: आभार !
क्या देशभर के आदर्श थाना सचमुच में आदर्श है, क्या वहाँ ‘पुलिस मित्र’ रहते हैं ?
जब हम पूरे देश के ‘आदर्श थाना’ की कल्पना करते हैं, तो सोचता हूँ… यह ‘आदर्श विद्यालय’ की तरह ही होंगे, लेकिन कभी वहाँ पहुँचने का अवसर मिलता है, तो वहाँ पाता हूँ, ऐसे शख्स को वहाँ पाता हूँ, जो पुलिस पदाधिकारियों से ठठ्ठाकर हँसते हैं, जिसे लेकर कभी अड़ोसी-पड़ौसी कहा करते थे, इससे बचकर रहना…. यह ठग है, यह बिचौलिया है, यह एजेंट है, यह दलाल है…… पड़े रहते इहाँ लोकल नेतानुमा लोगन, रजिस्ट्री ऑफिस के मुंशी …… कभी कोई शिकायत करते हैं, तो ड्यूटी पर बैठे हाकिम कहते– एक जिस्ता सादा कागज और एक पेन खरीद लाओ ! आवेदन तो एक पेज का ही होता है, फिर इतना डिमांड क्यों ? हर शिकायतकर्त्ता के साथ यही पुनरावृत्ति ! कैसा आदर्श थाना है, रिसीविंग तक देते नहीं हैं । जबकि DGP कार्यालय का कहना है, रिसीविंग तो सभी से लेना है।
राजनीतिक पार्टियों के लोगन सब भी पड़ैल रहेत है यहाँ ! इन बिचौलियों के बच्चे-बच्चियों की शादी भी खूब धूम-धड़ाके से होती है और कुछ वर्षों के बाद ही वैसी ही धूम-धड़ाके से शादी टूट भी जाती है । ऐसे आदर्श थाने में एक भी विद्वान लोग नहीं मिलेंगे ! हाँ, commission से आये DSP में कुछ सभ्यता तो होती है, किन्तु जब से सपना चौधरी के गाने में IPS ठुमके लगाते देखे गए और स्वयं के फेयरवेल में आकाशी-फायरिंग करते देखे गए, तो लगा पुलिस तो आखिर पुलिस है ! जिनकी बुद्धिरिक्तता की बरोबर चर्चा होती है ? …तो ऐसे में क्यों नहीं, पुलिस भी समाज के मित्र बने ! पुलिस-मित्र ! आदर्श-मित्र !
4-4 पत्नियों के पति अलबेले गायक किशोर कुमार के जन्मदिवस पर सादर नमन ! एक व्यक्ति हास्य कलाकार और गम्भीर अभिनेता एकसाथ कैसे हो सकता है? एक ही व्यक्ति खुशी और गम के गीत एकसाथ कैसे गा सकते हैं? एक व्यक्ति अभिनेता रहे, गीतकार रहे, गायक रहे, संगीतकार रहे और चार-चार शादी। जो बंगाली थे, किन्तु ननिहाल बिहार के भागलपुर में। जन्म मध्यप्रदेश में और एक पत्नी मद्रासी रहे तथा कई हजार गंभीर व ऊटपटांग गीत भी गाये । किशोर कुमार उपर्युक्त उद्धृत विशेषता लिए दुनिया के एकमात्र शख्स है। जन्मदिवस 4 अगस्त है, घोषित 4 पत्नियाँ रही हैं, संयोगवश जन्म की तारीख भी 4 है। ‘चलती का नाम गाड़ी’ जैसे अलबेले गीत के गायक को उनके जन्मदिवस पर सादर नमन !