ऐतिहासिक घटना-विन्यास
6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 को अमेरिका ने ‘जापान’ को बर्बाद कर दिया, अणुबम से कुप्रभावित लाखों लोग इस कदर आजन्म मरणासन्न अवस्था में रहे कि उनके बच्चे भी दिव्यांग हुए ! जापान वैसे भी भूकम्पों का देश कहलाता है, बावजूद जापान उठ खड़ा हुआ, आर्थिक और शाक्त व्यवस्था में आज से 20 साल पहले से ही वह ‘अमेरिका’ को टक्कर देते आ रहा है।
वहीं मात्र 2 साल बाद ही 1947 में आजाद हुआ भारत “राजनीतिक पार्टियों, नेताओं की जेब भरने की नियति, कई प्रधानमंत्रियों, जातिवाद और धर्मों के बीच वर्चस्व को लेकर खींचतान के कारण” जापान की कानी अंगुली के बराबर भी नहीं है । भारत से 2 साल बाद आजाद हुए चीन मात्र 4 राष्ट्रपतियों के बावजूद अमेरिका को हमेशा ही टक्कर दे सकता है । चीन और कोकाकोला की तरक्की का रहस्य कोई नहीं जानता । जिनपिंग सचमुच में ‘जीन’ है!
मनु के अनुसार- पूरा नाम तो कुछ और है, किन्तु यहाँ इतना-सा ही उपनाम से काम चल जाएगा ! सेक्सपीयर भले ही कहते-फिरे, नाम में क्या रखा है ? परंतु ‘पटेल सर’ से मिलने से लगा…. नाम में ही सबकुछ रखा है । उन्हें बनाने में कुदरत ने अति जटिलता दिखा दी है, उनके व्यक्तित्व की चमक उनके पेटों पर जरूर दिखता है ! सॉरी, पेट तो एक ही होता है, इसे ‘बहुवचन’ में कहने का आशय यह है कि सर का पेट में कई पेट समा जाय!
दरअसल, जब सर कुछ कहते हैं, अरे कहना क्या, बकते हैं, तो उनका बायाँ हाथ उनके गुब्बारे जैसे उभरे पेट पर हमेशा ही नाचते रहता । सभी को लगता है, यह हाथ उनके सोने पर ही रूकते होंगे ! उनकी बातों में हमेशा ही लच्छेदार शब्दों का प्रयोग होते हैं, क्योंकि उन्हें राजनीति में अत्यंत रुचि है, लेकिन वे mathematics पढ़ाते हैं और 50 की उम्र में भी वह यंग दिखते हैं, बशर्त्ते, उनके चार-चार पेट को छाँटकर हटा दी जाय !