छुपा लेना दिल के दर्द को सीने में
छुपा लेना दिल के दर्द को सीने में
काम यिह कोई आसान नही होता
मुसकराना छुपा कर अपने ग़मों को
आसान यिह भी तो नही होता
—
साथ बे शक कोई देता नही है
इस ज़िनदगी में कोई किसी का
मगर गुज़ारना ज़िनदगी को अकेले
भी तो आसान नही होता
—
बाद मुदत के आज हम ने
पुकारा है अपने आप को
मगर आवाज़ अपने आप ही की
सुन लेना आसान नही होता
—-
अहसास ज़रूर होना चाहिये आप के
ख़लूस में इस ज़माने में लोगों के
मिलें जब आप दूसरों से
तो सब कहें अैस् मिलना आसान नही होता
—–
मुसाफ़िर हैं सब चार दिन की ज़िन्दगी में — मदन–
इस लिये सब से ख़ुशी से मिला करो
जाने कब आ जाए शाम ज़िनदगी की
पता रखना इस बात आसान नही होता