विश्वफूल की कविता
‘वीर शहीद’ नामक कविता सुश्री स्वर्णलता विश्वफूल की कविता की महत्वपूर्ण देशप्रेम की कविता है, द्रष्टव्य-
“वतन पे मरनेवालों
तेरा यही निशाँ होगा,
क़ामयाबी की चाहत का-
तेरा यही अंज़ा होगा।
सर पर क़फ़न बाँधकर चलो,
शहीद तेरा नाम होगा,
मातृभूमि की चाहत का-
वीरों यही परिणाम होगा।
हँसकर लगाना- फाँसी का फँदा
तभी तुझे पुकारेगी ये दुनिया,
अपने-पराए का भेद मिटाकर-
माँ की आँचल का लाज रखयाँ।
बहन की राखी, यूँ न फेंकना
सरहद पर तेरा नाम होगा,
कामयाबी की चादर का-
तेरा यही अंज़ाम होगा !”