सोशल इंजीनियरिंग
13 अगस्त 2018 को बिहार के ‘सोशल इंजीनियर’ मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के ससुर श्री कृष्णनंदन सिन्हा का निधन पीसी कॉलोनी, कंकड़बाग अवस्थित निज आवास में हो गया । श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही ससुर के अंतिम यात्रा में श्री नीतीश कुमार शामिल हुए थे ।
ध्यातव्य है, माननीय नीतीश कुमार की शिक्षिका पत्नी मंजू कुमारी सिन्हा की मृत्यु 2007 में ही हो चुकी है।
ससुर से उनके मतभेद थे और पत्नी भी उनसे अलग रहा करती थी, बावजूद तलाक नहीं हुआ था । नीतीश जी द्वारा इंजीनियरिंग नौकरी से त्यागपत्र देने के कारण ही उनसे पत्नी और ससुर खपा थे । ससुर प्रायः कहा करते थे, ‘मैंने अपनी बेटी की शादी इंजीनियर से कराई है, न कि पॉलिटिशियन से ।’
जबतक आदरणीया मंजू जीवित थी, एकमात्र संतान निशि उर्फ़ निशांत के कारण ही दोनों कुछ-कुछ बात कर लिया करते थे, अन्यथा नहीं ! माननीय सर के ससुर जी को भावभीनी श्रद्धांजलि!
‘शिक्षा’ पहले भारतीय संविधान के ‘राज्य सूची’ में था, किन्तु राज्य सरकारों के बार-बार मनमानी के कारण 1976 में 42वें संविधान संशोधन के आलोक में ‘शिक्षा’ को ‘समवर्त्ती सूची’ में रखा गया।
जिनमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार यानी दोनों के संयुक्त हस्तक्षेप पर ही इस संबंध में ‘नियमन’ बनाये जाएंगे, बावजूद एक राज्य सरकार (बिहार) ने 2006 में ‘शिक्षा’ को ‘पंचायत’ के जिम्मे सौंप दिया और शिक्षकों के नाम ‘नियोजित शिक्षक’ कर दिया । हद तो तब हुई, जब 2018 में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के इस कृत्य में हाथ से हाथ मिला बैठे !