भारतरत्न अटलजी की तीसरी पुण्यतिथि
भारतरत्न अटल जी की तीसरी पुण्यतिथि पर सादर नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि! 16 अगस्त 2018; जिसे मैं सर्वाधिक मुहब्बत करता था, मुझे छोड़ किसी अपरिचित दुनिया की ओर ‘गगन यान’ से चले गए !
जब अभूतपूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम ‘भारत रत्न’ प्रदान संबंधी प्रेस-विज्ञप्ति जारी हुई थी, तब मैंने बधाई-संदेश भेजा था, जिनपर डाक से सबसे तुरंत जवाब मुझे ही प्राप्त हुआ था।
बधाई-संदेश संलग्न है, किन्तु इस बधाई-संदेश को मैं 93 वर्ष 7 माह 22 दिन की अवस्था लिए साँसशून्य पड़े; इस अद्भुत और अटल ‘भारतरत्न’ को वापस कर रहा हूँ, इस शर्त्त पर कि अगले जनम में शीघ्र अइयो, खाँटी कवि बनकर !
तीसरी पुण्यतिथि पर सादर नमन और अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि, दादू ! भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की कवितांश को यहाँ उद्धृत करते हैं-
“भारत सिर्फ़ जमीन का टुकड़ा भर नहीं,
जीता-जागता राष्ट्र-पुरुष है ।
भारत वंदन की भूमि है,
अभिनंदन की भूमि है ।
यह अर्पण की भूमि है,
तर्पण की भूमि है ।
यहाँ कण-कण में गंगाजल है,
यहाँ के कंकड़-कंकड़ शंकर है।
हम जीयेंगे, तो भारत के लिए,
मरेंगे तो, भारत के लिए ।
मरने पर भी हमारी प्रवाहित अस्थियाँ को अगर कोई,
कान लगाकर सुने, तो एक ही आवाज़ आएगी-
‘भारत माता की जय’, ‘भारत माता की जय’ ।”