18 अगस्त और नेताजी सुभाष’दा
76वें लापता वर्ष पर ‘नेताजी’ को स्मरण-नमन ! माता-पिता के 14वीं संतान में नेताजी सुभाष चंद्र बसु 8वें नम्बर पर थे ! पिता जानकीनाथ बड़े वकील व रायबहादुर ! शुरू से मेधावी, बावजूद इंटरमीडिएट द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण !
नेता की छवि बचपन से ही, तभी तो विलम्ब से बी ए ऑनर्स किए, पिता के दबाव के कारण ICS में चौथे स्थान प्राप्त किए । किन्तु अखण्ड भारत की भक्ति के कारण ICS को त्याग दिए, इनसे माँ प्रभावती बहुत खुश हुए। चित्तरंजन दास के सान्निध्य पाकर खुद को निहाल पाये।
भगत सिंह को बचा नहीं पाने के कारण वे महात्मा गाँधी के विचारों से अलग हो हए ! पहली बार उनके ही प्रयास से देश में व अंडमान-निकोबार में नेताजी की सरकार बनी ! इस द्वीप का उन्होंने नामकरण भी किए । अब तो लालकिले से माननीय प्रधानमंत्री द्वारा साल में 2 बार राष्ट्रध्वज फहराए जाते हैं।
जापान और जर्मनी ने भी तब इस सरकार की मान्यता दी । अभी के ताइवान के ताईहोकु नामक जगह पर 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना हुई थी, कहा जाता है, उस विमान पर सुभाष जी भी सवार थे, परंतु मृतक शरीर प्राप्त नहीं हुए । अब 76 साल बाद भी वे लापता हैं ! इसबार के ‘लापता’ दिन पर सुभाष’दा को सादर नमन !