वो महान इंसान
कई शूरमायें, जैसे- महान संत महर्षि मेंहीं, बाबा नागार्जुन, राष्ट्रकवि दिनकर, भोला पासवान शास्त्री, ललित नारायण मिश्र इत्यादि भारत रत्न अलंकरण के लिए सर्वोत्तम नाम हैं। इसके साथ ही कई जीवित किंवदंती भी हैं। अपेक्षा है, भारत के इस सबसे बड़े अलंकरण के लिए देश के प्रत्येक भागों से राष्ट्रसेवकों के नाम चुने जाएंगे !
महान समाज-सुधारक ज्योतिबा फुले, बाबासाहब अम्बेडकर -प्रणीत विचारधारा के पोषक व कटिहार ज़िला अर्जक संघ के संस्थापक अध्यक्ष श्रद्धेय चाचाजी “जुगेश्वर प्रसाद” (युगेश्वर प्रसाद) का निधन (23.08.2019), तब चाचा जी 86 वर्ष के थे ! हमसब शतायुजीवन की कामना कर रहे थे, किन्तु 14 वर्ष पहले ही हमसबों से बिछुड़ गए।
चाचाजी के भरे-पूरे परिवार में उच्चाधिकारी, प्रोफ़ेसर सहित कई पदाधिकारी हैं । एक पुत्री प्रोफ़ेसर, तो मंझले पुत्र डॉ0 देवेन्द्र कुमार देवेश जी ‘साहित्य अकादेमी’ में सचिव (पूर्वी क्षेत्र) हैं । तो एक पुत्रवधू (श्रीमती अनीता पंडित) लेखिका और संपादिका हैं।
अर्जक विचारों को प्रचार-प्रसार में चाचा जी ताउम्र न केवल जुटे रहे, अपितु निडर हो डटे रहे । वैसे चाचा जी के अर्जक विचारों के संपोषक पूरे परिवार हैं, तथापि उनके कनिष्ठ पुत्र श्री धर्मेंद्र कुमार इस विचार-संवहन में अत्यंत करीब हैं । 80 पार की चाची जी की नाबाद शतायुजीवन की महती कामना है। दूसरी पुण्यतिथि पर चाचा जी को सादर श्रद्धांजलि !