चाय की वापसी
एक चम्मच
‘खीर’ भी
परोस सकता है,
तो मटन या चिकेन भी !
वही हालत ‘चमचे’ की है,
एक चमचा
कई ‘नेताओं’ के साथ
जुड़े हैं !
टूटे को
बनाने की कला
और रूठे को
मनाने की कला
अच्छे व्यक्ति में
होती हैं !
लगातार हो रही
असफलताओं से
निराश नहीं
होनी चाहिए,
क्योंकि गुच्छे की
आखिरी चाभी से भी
ताले खुलने की
संभावना रहती हैं !
कुम्हार बंधुओं द्वारा
बनाए गए
मिट्टी के कुल्हड़ों में
चाय की वापसी
सभी रेलवे प्लेटफ़ॉर्म
और टी-स्टॉलों में शीघ्र
यह है
दशकीय समाचार !
हिंदी सिनेमा के
महान गायक
“मुकेश” की
पुण्यतिथि पर
सादर श्रद्धांजलि !