कविता

चमत्कार

चमत्कार की प्रतीक्षा मत कीजिये
इसके लिए बेकार
कोशिश भी न कीजिये,
चमत्कार बताकर नहीं होते।
चमत्कार भी तो वहीं होता है,
जहाँ खुद पर विश्वास
और कुछ भी करने का जज्बा
कूट कूटकर भरा होता है।
चमत्कार की आस में
समय न गँवाइए,
अपने कर्तव्य के साथ साथ
अपनी जिम्मेदारी निभाइए।
तभी चमत्कार भी होगा
ऐसी उम्मीद लगाइए,
अन्यथा चमत्कार, चमत्कार की
हाथ पर हाथ रखे रट लगाते रहिए,
और वर्तमान ही नहीं भविष्य भी
अँधकार में खोते रखिए,
चमत्कार का राग अलापते रहिए
पाने से ज्यादा खोते रहिए।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921