गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

अपने हिस्से का नया सूरज उगाने के लिए
हौसला भी चाहिए कुछ कर दिखाने के लिए

क्या छिपाने के लिए है क्या बताने के लिए
एक चिंगारी है काफी घर जलाने के लिए

करके वादा तोड़ देना है बहुत आसान पर
चाहिए हिम्मत बहुत वादा निभाने के लिए
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ज़िंदगी में कब तलक भटकेगा राही इस तरह
आशियाना हो कोई सिर भी छिपाने के लिए
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बंदिशों को तोड़ कर उड़ना भले ही दूर तक
जुड़ के रहना पर जमीं से लौट आने के लिए
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जब कभी भी हम बनाते हैं घरौंदे रेत पर
आ ही जाती है लहर उनको उनको मिटाने के लिए
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प्यार के बदले मिलेंगे अश्क़ ये मालूम था
हमनें फिर भी कर लिया था आजमाने के लिए
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साथ दे बाती अगर तो वो जलेगा रात भर
लाख आए आंधियाँ दीपक बुझाने के लिए
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चल रहीं कैसी हवाएं आजकल बदलाव की
दाँव पर जीवन लगा दौलत कमाने के लिए
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रमा प्रवीर वर्मा

रमा वर्मा

श्रीमती रमा वर्मा श्री प्रवीर वर्मा प्लाट नं. 13, आशीर्वाद नगर हुड्केश्वर रोड , रेखानील काम्प्लेक्स के पास नागपुर - 24 (महाराष्ट्र) दूरभाष – ७६२०७५२६०३