लघुकथा

हिंदी का सम्मान

मेरी बेटी इंग्लिश मीडियम स्कूल पढ़ती है।इस वर्ष उसके स्कूल में हिंदी दिवस पर निबंध प्रतियोगिता रखी गई। सारे बच्चों ने उत्साह से भाग लिया । अधिकांश बच्चों ने अंग्रेजी में विस्तार से लिखा, परंतु कुछ बच्चों नें हिंदी में लिखा।
निर्णायक मंडल के मुखिया को जब ये सूचना दी गई, तो वे चकित रह गये ।क्योंकि स्कूल कैंपस में हिंदी पूरी तरह प्रतिबंधित है,ये भी उन्हें अवगत करा दिया गया था।
लेकिन जाँचोपरांत उन्होंने हिंदी में लिखने वाले बच्चों को विशेष सम्मान देने का फैसला कर लिया।
स्कूल के प्रधानाचार्य से उन्होंने कहा कि इन बच्चों से हमें सीखने की जरुरत है कि अपनी भाषा का सम्मान कैसे किया जाता है।
प्रिसिंपल साहब के मुँह से बोल तक न निकल सके।

*सुधीर श्रीवास्तव

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