लघुकथा – सवाल
“तुम कोई न कोई सवाल पूछते रहते हो, आज ऐसा करो किसी और को सवाल पूछने दो। तुम्हारे अलावा भी पूछने वाले हैं।” नेता जी राजेश को टोकते हुए कहा।
“ठीक है ।आप सवालों से भाग रहे हैं।ये अच्छी बात नहीं है मैं भी जिद्दी हूं ज़बाब जान कर रहूंगा।”
“तुम बैठ जाओ । मैं कुछ भी जबाब नहीं दूंगा,।”
पर वो सवाल अब नेता जी को परेशान करने लगा।और नेता जी ठीक से सो भी नहीं पाएं। सवालों में इतनी ताकत तो होती है।कि किसी को रात भर जगाएं रखें