सुरसाम्राज्ञी भारतरत्न ‘दीदी’ लता की 93वीं जन्मदिवस
सुरसाम्राज्ञी भारतरत्न ‘दीदी’ लता मंगेशकर की 93वीं जन्मदिवस। दीदी शतायुजीवी हों और स्वस्थ एवं सानन्द रहें, ऐसी अंतस के स्वर-निनाद से कामना है। मेरी प्यारी और दुलारी दीदी ! आपकी जन्मदिवस पर आपको हृदयश: शुभमंगलकामनाएँ! स्वरसम्राट प्रात:स्मरणीय पं. दीनानाथ मंगेशकर जी (पिता) एवं आदरणीया शुद्धमती जी (माता) के यहां 28 सितम्बर 1929 को इंदौर (म.प्र.) में जन्मी महानतम सुर-साधिका भारत रत्न और Daughter of the Nation तथा पहली स्वरकोकिला व दूसरी भारतकोकिला सुश्री लता मंगेशकर की 28 सितम्बर 2021 को 93वीं जन्मदिवस है।
भारत ही नहीं, दुनिया में वे परिचय की मोहताज नहीं हैं । देसीकोत्तम, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, राज्यसभा के मनोनीत सदस्य, देश-विदेश के कई विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, कई देशों की मानद नागरिकता इत्यादि सम्मानों से बढ़कर उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यही है कि हर भारतीय के घरों में वे ससम्मान प्रविष्ट हैं! सभी भाषाओं में 1,00,000 से अधिक गीतों के गायन तो और किसी के लिए संभव नहीं हो सकता ! वे मराठी फ़िल्म में बाल अभिनेत्री भी रही हैं !
1. अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कभी सच ही कहा था- ‘भारत में ताजमहल है, तो लता मंगेशकर भी यहीं है !’
2. प्रख्यात वायलिनवादक येहुदी मेनुहिन ने कहा है- ‘काश! मेरी वायलिन आपकी गायिकी की तरह बज सके!’
3. गुलजार ने लिखा- ‘चाँद उनका संग-ए-मील है।’
4. श्री यतीन्द्र मिश्र ने ‘लता : सुर-गाथा’ नामक पुस्तक का प्रणयन किया, इसे हर भारतीयों को पढ़ना चाहिए । यह पुस्तक मेरे पास भी है। बकौल, सुश्री लता दी- “आज मुझे लगता है कि हे प्रभु! तुमने जो भी दिया, वह बहुत दे दिया, दूसरों से कहीं ज्यादा दिया । अपनी कृपा की छाया से जैसे मुझे छाँह दी है, वैसे ही हर एक कलाकार और नेक इंसानों के ऊपर भी रखना…… यही प्रार्थना है।” सुश्री लता दी के एक पत्र मेरे पास भी है। जो दस्तावेज़ों की भीड़ में कहीं है!