“कैसे बताऊँ तुझे” – एक कैनवास
कवि रुपेश जी “कैसे बताऊँ तुझे ” कविता संग्रह के प्रकाशन के लिए आपको हार्दिक बधाई देती हूँ l लेखन जगत में आपकी कविताएँ निरंतर आपकी संवेदना व शिल्प से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती रही हैं l व्यक्ति के मनप्राण और उसके जीवन के सुंदर रंग आपकी कविताओं कैनवास समाए हुए हैं l जीवन के विभिन्न पहलू व उसके सहज रूप का चित्रण आपके लेखन का केंद्र रहा है l आपके व्यक्तित्व व लेखनी की इन्हीं विशेषताओं से आपका काव्य संग्रह “कैसे बताऊँ तुझे” भी अछूता नहीं रहा है l आपके इस काव्य संग्रह में जहाँ एक ओर भारतीय त्योहारों की रसधार है, माँ की ममता का गुणगान है,रिश्तों का अनूठा संसार है प्रत्येक रिश्ते में समर्पित प्यार है, सामाजिक कुरीतियों, व्यवस्थाओं व विडंबनाओं के प्रति अकुंठ अभिव्यक्ति है वहीं दूसरी ओर आपकी क़लम जीवन के उद्देश्य व उसके विभिन्न पड़ावों व देशभक्ति के रंगों को अभिव्यक्ति देने में सक्षम है l
आपकी लेखनी इसी प्रकार पाठकों की प्रशंसा बटोरती रहे, आपके इस काव्य संग्रह के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ व आपके स्वर्णिम भविष्य की कामना करती हूँ l
समीक्षक – सुनीता कुमारी अहरी
(शिक्षिका व युवा रचनाकार)
1620 रानी बाग
नई दिल्ली – 110034
पुस्तक – कैसे बताऊँ तुझे
लेखक – रूपेश कुमार
मूल्य – 199 रुपया
प्रकाशन – क्रिएटिवीटी पब्लिकेशन, असम