मन
मन धूप है,
मन छाया है,
मन माया है,
मन सरमाया है,
मन मणि है,
मन रत्न है,
मन प्रयास है,
मन प्रयत्न है,
मन अटकाता है,
मन भटकाता है,
मन संतोषी बनाता है,
मन लटकाता है,
मन संकीर्ण हुआ, तो बड़ा सुख भी छोटा,
मन विराट हुआ, तो छोटा सुख भी बड़ा,
मन सोया, तो मानव भी सोया,
मन उठ खड़ा हुआ, तो मानव भी आगे बढ़ा.
मन ही सब करवाता है,
मन ही भरमाता है,
मन ही सब बहलाता-फुसलाता है,
मन ही साहस देता-दिलाता है.
मन को महकाइए,
मन को लहकाइए,
मन को चहकाइए,
मन को प्यार से सहलाइए.
मन को अपना बनाइए,
सकारात्मक से सजाइए,
मन के गुलाम मत बनिए,
मन को अपने अनुरुप चलाइए.