जन्मदिन की बधाई
महेन्द्र सिंह है जिनका नाम
साहित्य साधना उनका काम
पेशे से विद्युत अभियंता
जिला चन्दौली है मैढी़ ग्राम।
एक अक्टूबर उन्नीस तिरसठ
जन्म लिए विंध्याचली गोद
पिता जिनके राजकुमार सिंह
बजी बधाईयां मना आमोद।
पढ़ने लिखने में अच्छे थे
पर भाग्य ने दिया न साथ
स्नातक तक शिक्षा पाए
विद्युत डिप्लोमा उनके हाथ।
शादी हुई कला के साथ
बन गए दो बच्चों के बाप
पर दुर्भाग्य ने साथ न छोड़ा
जीवन बना रहा अभिशाप।
पर भाग्य ने पल्टी मारा
सर्विस का आफर आया
भगवन की महती कृपा हुई
और समय ने बदली काया।
साहित्य साधना में रुचि है
बचपन से कलम पुजारी हैं
सादा जीवन उच्च विचार है
बहुत कुशल व्यवहारी हैं।
पढ़ना लिखना अब भी जारी है
उमर हो गई पचपन पार
अंकुर सिंह और मेरे जैसे
मिले बहुत से साहित्य कार।
डा. अंशू सिंह, हरिकान्त जी
प्रथम आदर्श बने उनके
जिनकी कृपा महा प्रसाद से
प्रारम्भ हुए लेखन उनके।
छंद बद्ध अरु छन्द मुक्त भी
कुछ कथा लेख भी लिखते हैं
बहुमुखी प्रतिभा के मालिक
साधारण से नित दिखते हैं।
जिनके रचनाओं की संख्या
होगी लगभग छ: सौ पार
साहित्य साधना जीवन है
बहुत कुशल मधुर व्यवहार।
पत्र पत्रिकाओं में छपती हैं
जिनकी कहानियां कविता लेख
विभिन्न पटलों से मिले हैं उनको
सम्मान पत्र अरु प्रशस्ति लेख।
उनके जनम दिवस की उनको
देते हैं हम सब बहुत बधाई
जिनके श्रम से बहु पटलों पर
अद्यतन मधुरता अविरल छाई।।