मेला
दुनिया के इस मेले में
तू क्यों समझता है खुद को अकेला
अकेला समझेगा तो हो जाएगा झमेला
चला चल मुसाफिर हिम्मत करके
साहस रख खुद में इतना
जहां तू पहुंच जाए
वहीं लग जाए मेला.
दुनिया के इस मेले में
तू क्यों समझता है खुद को अकेला
अकेला समझेगा तो हो जाएगा झमेला
चला चल मुसाफिर हिम्मत करके
साहस रख खुद में इतना
जहां तू पहुंच जाए
वहीं लग जाए मेला.