आत्म साक्षात्कार
खुद की खुद से
जब मुलाकात हो गई
खो गए शब्द
निशब्द वाणी हो गई
बचा न कुछ कहने को
न ही कुछ सुनने को रह गया
मौन विस्तृत हो गया
शोर सारा थम गया
एकांत आकर पसर गया
अस्तित्व पिघल खो गया
खुद का खुद से जब साक्षात्कार
हो गया.
खुद की खुद से
जब मुलाकात हो गई
खो गए शब्द
निशब्द वाणी हो गई
बचा न कुछ कहने को
न ही कुछ सुनने को रह गया
मौन विस्तृत हो गया
शोर सारा थम गया
एकांत आकर पसर गया
अस्तित्व पिघल खो गया
खुद का खुद से जब साक्षात्कार
हो गया.