किरण सिंह रचित पुस्तकों ‘रहस्य’ व ‘अन्तर्ध्वनि’ का लोकार्पण
पटना/कार्यालय संवाददाता। हिन्दी की लेखिका व उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कई सम्मान से सम्मानित किरण सिंह की रचित पुस्तक ‘रहस्य’ व ‘ अन्तर्ध्वनि’ का लोकार्पण राजधानी चाणक्या होटल के सभागार में हुआ। इस मौके पर लोकार्पणकर्ता व मुख्य अतिथि देश की प्रख्यात लेखिका पद्मश्री उषा किरण खान ने कहा कि साहित्य हर व्यक्ति के जीवन में होता है। जन्म के कुछ महीनों के बाद से ही अक्षर ज्ञान होता है। पहले तो गणित भी गीत के माध्यम से पढ़ा जाता था। उन्होंने कहा कि आज के दिनों में साहित्य के क्षेत्र में महिलाओं का नगाव देखकर लगता है कि 21वीं सदी महिला लेखिकाओं का होगा। वर्तमान में महिला लेखिकाओं व कवित्रियों की रचनाएं बहुत ज्यादा संख्या में आ रही है जो महिलाओं के साहित्य के प्रति लगाव को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि भाषा का सही संस्कार होगा तब ही हम अच्छी साहित्य लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों की लेखिका किरण सिंह को बाल साहित्य के क्षेत्र में दो-दो पुरस्कार का मिलना सुखद है और इन पुरस्कारों से लेखक का उत्साहवर्द्धन होता है। उन्होंने कहा कि किरण सिंह जैसी लेखिका जो गृह कार्य करते हुए भी साहित्य से जुड़ी रही यह अपने आप में गर्व है। पुस्तक का परिचय देते हुए लेखिका किरण सिंह ने कहा कि उन्होंने इन पुस्तकों के लेखन में कई मित्रों, शूभेक्षुओं से मिलकर कहानियां जानी और उसपर अपनी संवेदना का भाव देकर इसे लिखा है। इस कार्य में लेखकों को प्रोत्साहित करने वाली संस्था राजभाषा विभाग मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग का सहयोग मिला। इस पुस्तक के लेखन में उनके पति व बच्चे गाइड की भूमिका में रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बाल साहित्य के प्रख्यात लेखक भगवती प्रसाद द्धिवेदी ने कहा कि गृहणी की भूमिका निभाते हुए भी किरण सिंह साहित्य के सृजन में लगी हुई हैं यह काविलेतारीफ है। महज पांच वर्षो में नौ पुस्तकों का लेखन इनके स्वर्णिम काल को दर्शाता है। इनके साहित्य के क्षेत्र में किए गये कार्यो से युवा रचनाकारों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आलोचक ही हमें सही दिशा की ओर निर्देशित करता है और इनके इस पुनीत कार्य में इनके पति भोला नाथ सिंह का सहयोग मिला जो लिए शुभ लक्षण के समान है। कार्यक्रम में सरस्वती वंदनाअराधना, स्वागत भाषण डॉ. पूनम आंनद, संचालन वीणा श्री व धन्यवादज्ञापन बिजली विभाग के सेवानिवृत डीजीएम भोला नाथ सिंह ने किया। कार्यक्रम में आगत अतिथियों का स्वागत आर्शी आनंद ने शाल व पुष्पगुच्छ देकर किया। कार्यक्रम में राजभाषा विभाग के निदेशक सुमन कुमार, साहित्यकार डॉ. शिवनारायण, आकाशवानी की अधिशसी अलका प्रियदर्शनी, लेखक शंभू पी सिंह, डॉ. अनिल प्रसाद, डॉ. भावना शेखर, उद्योगपति सुनील कुमार सिंह ने अपने विचार से लेखिका व उनकी रचनाओं की सराहना की।
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