प्रेम
प्रेम शब्द है दो शब्दों का
अथाह है गहराई इसमें
है बहुत विस्तृत
जिसे बांधा नही जा सकता
शब्दों से
यह अजर है
यह अमर है
शाश्वत है
यह प्रेम है
यह प्रेम है
बस यह प्रेम है
प्रेम शब्द है दो शब्दों का
अथाह है गहराई इसमें
है बहुत विस्तृत
जिसे बांधा नही जा सकता
शब्दों से
यह अजर है
यह अमर है
शाश्वत है
यह प्रेम है
यह प्रेम है
बस यह प्रेम है