कविता

हाय रे!! मेरे छह घंटे बेकार गए!!

हाय रे!! मेरे छह घंटे बेकार गए!!

व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम बंद भए
हाय रे !! मेरे छह घंटे बेकार गए
हेलो हाय जन्मदिन एंजॉयमेंट मिशन के
वह लम्हे क्षण यूं ही बेकार गए!!

याद रखेंगे कि लम्हे कैसे मैंने बिताए
पागल नहीं हुआ!! बस ईश्वर अल्लाह बचाए
समय से युद्ध कर समय को बिताए
ईश्वर अल्लाह से विनती है यह दिन फिर ना दिखाएं

गप्पे लड़ाना था कुछ दोस्तों यारों से
सब इतिहास में दर्ज़ हो गए
बड़ी मुश्किल से मूड बना था मेसेज
गप्पे लड़ाने का पर कीमती समय खो गए

मिशन छह घंटे ज़रूर मेरे खिलाफ़ साज़िश है
यह विचार मेरे मन में आए
यह ग्लोबल बंद है ऐसा सुनकर
शांति के बादल मुझ में समाए

*-लेखक कर विशेषज्ञ,साहित्यकार,कानूनी लेखक,चिंतक कवि,एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया