एन डी तिवारी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के टॉपर रहे ‘नारायण दत्त तिवारी’ नेहरू-गाँधी परिवार से कुछ विवाद के कारण प्रधानमंत्री नहीं बन पाए, तब स्व. नरसिंहराव को मजबूरन कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री बनाये थे!
18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल में जन्म लिए तिवारी जी का निधन भी 93 वर्ष की वयोवृद्धावस्था में 18 अक्टूबर (2018) को ही हुआ ! यह दुर्योग ही कहा जायेगा !
पहलीबार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने और दूसरे राज्य ‘उत्तरांचल’ (अब उत्तराखण्ड) के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में भी रहे । देश में वे एक रिकॉर्ड बनाकर गए कि दो राज्यों के मुख्यमंत्री बननेवाले एकमात्र व्यक्ति हैं!
राजीव गाँधी की सरकार में वे केंद्रीय मंत्री थे (अन्य सरकार में भी), किन्तु राजीव की हत्या के बाद और स्व. चंद्रशेखर के बाद जब कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आई, तो ‘नारायण दत्त’ को प्रधानमंत्री बनाये जाने की बात होने लगी, किन्तु नेहरू-गाँधी परिवार ने इनके पक्ष में मुहर नहीं लगाए, तब स्व. पी वी नरसिंहराव प्रधानमंत्री बने थे । हालाँकि ऐसे ही हेतुक प्रसंगश: कुछ वर्ष तक कांग्रेस से अलग होकर तिवारी कांग्रेस की स्थापना भी किये थे ! किन्तु फिर कांग्रेस में पूर्णरूपेण शामिल हो गए, जो कि मृत्युपर्यन्त कांग्रेसी ही रहे!
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल पद पर रहते हुए व अपनी रंगीन मिज़ाज़पुर्सी के कारण वे काफी विवादित हो गए! इस्तीफे के बाद फिर एक पूर्व केंद्रीय मंत्री की बेटी श्रीमती उज्ज्वला शर्मा से उनके सम्बन्ध के पश्चात जन्म लिए रोहित शेखर ने लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार स्व. तिवारी से पुत्रत्व अधिकार प्राप्त कर ही लिये, जो कि आखिरत: तिवारी जी ने भी स्वीकारे।
तिवारी जी के जन्मदिवस पर नमन और पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि !