सकूं
पहले कम था पर गम न था
खुशियां महकती थी घर आंगन
फर्श कच्चा था तो क्या हुआ
गुलाब चमेली से महकता तो था
दरवाजे पर नीम का पेड़ तो खड़ा था
आज
क्या नही है
सब कुछ तो है
किस चीज की कमी है
पर जिसकी तलाश है
वही नहीं है
पहले कम था पर गम न था
खुशियां महकती थी घर आंगन
फर्श कच्चा था तो क्या हुआ
गुलाब चमेली से महकता तो था
दरवाजे पर नीम का पेड़ तो खड़ा था
आज
क्या नही है
सब कुछ तो है
किस चीज की कमी है
पर जिसकी तलाश है
वही नहीं है