सेवा व समर्पण के सहारे भाजपा को मिला विजय का मंत्र ?
कोरोना काल व उससे उपजी परिस्थितियों के कारण लम्बे समय बाद भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हो गयी। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा की यह बैठक रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण रही। यह बैठक उपचुनावों के परिणामों के बाद व आगामी विधानसभा चुनावों के पहले आयोजित हुई। मीडिया के एक वर्ग में अनुमान लगाया जा रहा था कि बैठक में केवल उन्हीं प्रांतों के विषय में विचार विमर्श होगा जहां चुनाव होने जा रहे हैं लेकिन अनुमानों के विपरीत भारतीय जनता पार्टी कार्यकारिणी ने पूरे भारत के नजरिये से बैठक की और प्रस्ताव पास किये। कार्यकारिणी की बैठक से जो छन-छन कर आ रहा है और वह कई मायनों में ऐतिहासिक है। बैठक में बंगाल और दक्षिण के राजनैतिक परिदृश्य पर चर्चा की गई और बंगाल के प्रति भारतीय जनता पार्टी ने बेहद गंभीर व आक्रामक होते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़ा संदेश भी जारी कर दिया है। अभी तक जो राजनैतिक विश्लेषक यह मानकर चल रहे थे कि क्या बीजेपी ने बंगाल को छोड दिया है या अपने हाथ खड़े कर दिये हैं यह उन लोगों के लिए बेहद तगड़ा झटका है। बैठक सें साफ संकेत मिला है कि पूरे देश में छाने की तैयारी कर रही ममता बनर्जी को बंगाल में ही घेरने की बीजेपी बहुत बड़ी योजना पर काम कर रही है। बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति को भी अंतिम रूप दे दिया गया है और अब उन सभी राज्यों जहां पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उन पर विस्तार से चर्चा की गयी तथा सभी प्रांतों में अब नेताओं के दौरे भी होने जा रहे हैं।
बैठक की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि कार्यकारिणी में राजनैतिक प्रस्ताव उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रखा जिससे वे सभी लोग बेनकाब हो गये जो लोग यूपी में योगी जी को उप्र के मुख्यमंत्री पद से हटाना चाह रहे थे या फिर साजिशें रच रहे थे। परंपरा से अलग हटते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्ताव रखा। कार्यकारिणी में वे एकमात्र मुख्यमंत्री थे जो बैठक में उपस्थित हुए जबकि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों व प्रदेश अध्यक्षों ने वर्चुअली हिस्सा लिया। यह प्रदेश बीजेपी के लिए भी गौरव की बात रही। योगी जी को लेकर राजनैतिक गलियारों में खूब अफवाहें उड़ायी जा रही थीं वहीं ऐसी सभी ताकतों के सपने एक बार फिर बुरी तरह से बिखर गये। योगी जी की भूमिका व उनका राजनैतिक कद अब पार्टी में तेजी से बढ़ रहा है। अगर बीजेपी 2022 में भी योगी जी के नेतृत्व में 2014, 2017 व 2019 की तरह सफलता के झंडे गाड़ती है तो उनका कद और बढ़ जायेगा। यही कारण है कि आजकल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं और फैसले ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने राजनैतिक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में अपराधी और माफिया न सिर्फ जेल में बंद हैं अपितु इनके जब्तीकरण, ध्वस्तीकरण और अवैध कब्जे से मुक्ति के जरिये अब तक 1800 करोड़ रुपये वसूले गये। राजनैतिक प्रस्ताव में सफल टीकाकरण, जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की प्रशंसा की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरपूर व मजबूत मनोबल में दिख रहे थे। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना के अनुरूप जनता की सेवा कर रही है। उन्होंने बताया कि देवोत्थानी एकादशी के दिन आगामी 15 नवंबर को बाबा विश्वनाथ धाम में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा स्थापित की जायेगी। उन्हाने प्रदेश सरकार की सफलताओं का भी उल्लेख किया।
बैठक को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी संबोधित करते हुए कहा कि 2022 के लिए जो लक्ष्य दिया गया है उसे हम प्राप्त करेंगे। दमदार नेतृत्व व विकास के मुददों के साथ बीजेपी चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष जे.पी. नडडा ने कहा कि अभी बीजेपी का उत्कर्ष आना बाकी है। यह कथन बहुत कुछ कह रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवा, समर्पण और संकल्प की भावना से कार्यकर्ताओं के परिश्रम की बदौलत पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का भरोसा जताया। उन्होंने साफ किया कि भाजपा किसी परिवार के आसपास सिमटी हुई पार्र्टी नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा को आज जो मुकाम हासिल है उसे पीछे बड़ी वजह यह है कि पार्टी अपनी स्थापना के बाद से ही आम लोगों से जुड़ी रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि लोगों के साथ रहें, उनके संपर्क में रहें और अपने जानने वाले लोगों के साथ आत्मीयता रखें। भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी से बहुत कुछ साफ हो गया है।
भाजपा आगामी विधानसभा चुनावों में पांच प्रांतों में सरकार बनाने जा रही है इसके प्रति उसमें आत्मविश्वास है। कृषि कानूनों के खिलाफ चलाया जा रहा आंदोलन बीजेपी के खिलाफ नहीं है, यह आंदोलन एक प्रकार से अराजक तत्वों का है। पार्टी के रुख से यह भी तय हो गया है कि फिलहाल अराजक तत्वों की ओर से चलाये जा रहे आंदोलन से दबाव में आकर कृषि कानून वापस नहीं होने जा रहे हैं। भाजपा ने पंजाब में भी अकेले ही चुनाव मैदान में उतरकर अपनी ताकत बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। हालांकि गठबंधन की राजनीति के दौर में सभी रास्ते खुले रहते हैं। अभी बीजेपी का और अधिक विस्तार होगा तथा एनडीए में कुछ नये सहयोगी भी जोड़े जायेंगे। आर्थिक मोर्चे पर महंगाई को रोकने के लिए अभी कुछ और कदम उठाये जायेंगे। भाजपा हिंदुत्व की राजनीति पर भी आक्रामक हो रही है।
दीपावली के तत्काल बाद केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ जिसका कई शिवालयों सहित टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया जिसे लाखों शिवभक्तों ने देखा। जिसके कारण सेकुलर गैग में डर पैदा हो गया आगामी दिनों में अभी इस प्रकार के कई आयोजन होने जा रहे हैं। निष्कर्ष यही है कि बीजेपी सेवा, समर्पण, सबका साथ सबका विश्वास तथा हिंदुत्व के सहारे अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे चुकी है। यही कारण है कि अभी भाजपा का उत्कर्ष आना बाकी है।
— मृत्युंजय दीक्षित