कविता

भारत का झंडा ऊँचा कर

कर्म  ही  है  देश  भक्ति,अपना कार्य पूरा कर
सत्य का ले आसरा, चल सत्पथ पर हो निडर
सेवा  ही हो भावना ,जो दीं पीड़ित जन मिले
सत्कर्म-  व्यवहार से ,दुष्कार्य  बाधा दूर कर
देश  की  संपत्ति  को ,हानि न पहुंचाए कोई
भावना हो देश भक्ति,सबके मन में पैदा कर
निष्ठा पूर्वक  कार्य मेरे ,देश का हर जन करे
स्वर्ग ही फिर उतर ,आएगा हमारी धरती पर
हो न कोई जाति बंधन,सब में भाईचारा हो।
देश में अलगाव  का ,वातावरण न पैदा कर
सारे ही   संसार में है ,मान  भारत  देश का
उस प्रतिष्ठा को बढ़ा,भारत का झंडा ऊँचा कर
उनके पुण्य समरण हेतु संगत अपने भाव दर्शाती है
श्रद्धा से शत-शत नमन करके उन को शीश झुकाती है

—  डा केवलकृष्ण पाठक

डॉ. केवल कृष्ण पाठक

जन्म तिथि 12 जुलाई 1935 मातृभाषा - पंजाबी सम्पादक रवीन्द्र ज्योति मासिक 343/19, आनन्द निवास, गीता कालोनी, जीन्द (हरियाणा) 126102 मो. 09416389481