सामाजिक

सादा जीवन, सफल जीवन

सदियों से सादा जीवन की परंपरा हमें विरासत में मिलती आ रही है।वाह्य आडंबर विहीन जीवन जहां सहजता प्रदान करता है,वहीं जीवन की सफलता का बड़ा कारक भी बनता है।
सादा जीवन हमें समाज में एक अलग ही पहचान देता है। स्व. लालबहादुर शास्त्री का उदाहरण हम सबके सामने है। सामान्यतया देखने में आता है कि ऐसे व्यक्ति दृढ़ निश्चयी होते हैं। आंकलन कीजिए तो अधिकांश सफल व्यक्तियों का जीवन सादा और सरल ही है या लहा है।
सरल और सादगी भरा जीवन जीने वाला व्यक्ति बहुत आसानी से हर किसी के दिल में अपना स्थान बना लेता है, उसे प्रेरणा, सहयोग ,मार्गदर्शन भी बड़ी आसानी से मिल जाता है।
यह अलग बात है कि सादा जीवन जीने वाला आसानी से ठगा भी जाता है,परंतु वह बदला लेने के चक्कर में न पड़कर अपने जीवनपथ पर ईश्वर की इच्छा समझ आगे बढ़ता जाता है।
संक्षेप में यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि सादा जीवन हमारी चिंतन और विकासशील क्षमता में वृद्धिकारक होता है,जो हमारे जीवन में सफलता दिलाने की सीढ़ी बन जाता है।
अतः कहा जा सकता है कि सादा जीवन, सफल जीवन होता है।

*सुधीर श्रीवास्तव

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