अंतहीन कथा
“किसी को इतना मत चाहो,
कि वह ‘बेवफा’ हो जाये !”
प्यार करने (14 फरवरी) के परिणाम (संतान सुख) का दिवस (14 नवम्बर), बिल्कुल 9 माह बाद संतान प्राप्त ! क्या इस तिथि को जन्म लेनेवाले संतान ‘डायबिटीज़’ रोगी तो नहीं होते ?
14 नवम्बर को मधुमेह दिवस भी है ! एक लघुकथा कहीं से प्राप्त हुई है, लेखक नामालूम, आप बताइए ?
“सच-सच बताना, तनु ! शादी के पहले तुम्हारी किसी से प्रेम सम्बंध थी या नहीं ।”
–पति ने मनुहार के साथ टोका।
“ये क्या उटपटांग पूछ रहे हैं, जी !” –नई नवेली तनु शर्माते हुये।।
“अरे बताओ न ! पति-पत्नी के बीच कैसा पर्दा ? मेरे तो कई प्रेम-संबंध थे!”
“मैं भी एक से प्यार करती थी, पर वो तो मेरी बचपना थी ।”–भावावेश में तनु बता दी।।
“बदचलन, बेहया, हरजाई ! तुम्हारे रंग-ढंग देखकर ही मैं समझ गया था कि शादी से पहले तुम खूब मौजमस्ती की होगी।”
“तुम्हारे तो कई प्रेम सम्बन्ध थे, तब तो तुम मुझसे कई गुना ज्यादा बदचलन हुए।” –पत्नी हिम्मत से जवाब देती है।
“ज़बान लड़ाती है….” पति ने एक झन्नाटेदार थप्पड़ पत्नी के गाल पर रसीद कर दिया ।
….. और अब से मारपीट का सिलसिला अन्तहीन चलता रहा, क्योंकि पत्नी जो बदचलन थी !