कहानी

अधूरा इश्क

विभा की विवाह की तैयारियाँ शुरु हो चुकी थी,सभी अपने में मग्न जैसे समय ही कम पड़ रहा हो.
विभा चलो तुम भी पसंद कर लो कुछ अपने मन की….जेवर लेकर सेठ का नौकर आया है . देखो भाभियां लगी हुई हैं …..अपने लिए पसंद करने में…जाओ तुम भी ले लो.
नही भैया !,आपसब की पसंद ही मेरे लिए काफी है.वैसे भी मेरी पसंद का क्या मोल है. जिससे आपकी प्रतिष्ठा बढ़े वही पसंद होनी चाहिए .जो आपसब ने मेरे लिए अब तक किया है.
क्यूं इतना मायुस होकर बात करती है-हम तुम्हारे दुश्मन तो नही…?
इसबार विभा की बातों से उसके दिल का दर्द छलक उठा था…क्या कमी थी भैया मोहित में ,पढ़ा-लिखा,स्मार्ट, लंबा कद और तो और वो बहुराष्ट्रीय कंपनी में मैनेजर पद पर कार्यरत था. वो सिर्फ इसलिए इस घर का सदस्य नही बन सकता कि अनाथ है..अनाथालय ही उसका घर था. इसमें उन बच्चों का क्या दोष होता है जो अनाथालय में पलते है. इतना संस्कारवान कि कभी सर उठाकर भी बात नही की आपसबों से.
हमारे घर उसका आना-जाना आज का तो नही है कभी उसने ऐसी वैसी हरकत नही कि….हमेशा इज्जत से पेश आता था. उसकी यही बात मुझे बेहद पसंद थी,आजकल के लड़कों से बिल्कुल अलग… आपलोगों ने मुझे खुली हवा में सांस लेने के लिए छोड़ा तो जरुर…पर अपनी मर्जी का कभी करुं ऐसा हो नही पाया. आजाद ख्यालात होने के वाबजूद मैनें कभी फायदा नही उठाया,हमेशा आपका मान-सम्मान मेरे सम्मुख खड़ा रहता. पहली बार अपनी पसंद की चीज आपसबों से चाहा लेकिन मैं हार गई अपने विश्वास से.
कमी भी आपने ऐसी निकाली मोहित में जिससे मुझे कोई दिक्कत या परेशानी नही थी..वो तो मेरी इतनी इज्जत करता है कि  बात भी पूरी तरह नही कर पाता..उसकी सादगी पर मुझे प्यार हो आया था..
अब उसे भूलने में ही तेरी भलाई है विभा…शादी -ब्याह भी संजोग से और भाग्य से होता है. अब अपने आप को तैयार रखो ..शादी का घर है ,मेहमानों का आना शुरु हो गया है.
शाम को हल्दी की रस्म थी …सहेलियों ने छेड़ा..एकदम गुड़िया सी लग रही है ,कही तुम्हारा दूल्हा गुड्डा तो नहीं..! चुहलबाज़ी से बेखबर विभा …मोहित को ही ढूंढ रही थी…पर संगीत की धून में उसकी सिसकियां दब गई ,जब घर के स्टाफ से जानकारी मिली कि मोहित वापस चला गया है एक वादा लेकर …कभी नही लौटेगा न इस शहर में न किसी की जिंदगी में.
शादी संपन्न हो रही थी ,दुल्हन बनी गुड़िया कठपुतली सी नाच रही थी, उसे मनाही थी रोने की पर बांध कहां सीमाएं देखती है.
— सपना चन्द्रा

सपना चन्द्रा

जन्मतिथि--13 मार्च योग्यता--पर्यटन मे स्नातक रुचि--पठन-पाठन,लेखन पता-श्यामपुर रोड,कहलगाँव भागलपुर, बिहार - 813203