इनका कल बेहतर बनाएं
हर साल 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी और 1992 से संयुक्त राष्ट्र के द्वारा इसे अंतरराष्ट्रीय रीति-रिवाज़ के रुप में प्रचारित किया जा रहा है। दिव्यांगो के प्रति सामाजिक कलंक को मिटाने और उनके जीवन के तौर-तरीकों को और बेहतर बनाने के लिये उनके वास्तविक जीवन में बहुत सारी सहायता को लागू करने के द्वारा तथा उनको बढ़ावा देने के लिये साथ ही दिव्यांग लोगों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देने के लिये इसे सालाना मनाने के लिये इस दिन को खास महत्व दिया जाता है। 1992 से, इसे पूरी दुनिया में ढ़ेर सारी सफलता के साथ इस वर्ष तक हर साल से लगातार मनाया जा रहा है।
समाज में उनके आत्मसम्मान, सेहत और अधिकारों को सुधारने के लिये और उनकी सहायता के लिये एक साथ होने के साथ ही लोगों की दिव्यांगता के मुद्दे की ओर पूरे विश्वभर की समझ को सुधारने के लिये इस दिन के उत्सव का उद्देश्य बहुत बड़ा है। जीवन के हर एक पहलू में समाज में सभी दिव्यांग लोगों को शामिल करने के लिये भी इसे देखा जाता है जैसे राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक। इसी वजह से इसे “विश्व दिव्यांग दिवस” के रूप में मनाया जाता है। विश्व दिव्यांग दिवस का उत्सव हर साल पूरे विश्वभर में दिव्यांग लोगों के अलग-अलग मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करता है।
“दिव्यांगता तन से नहीं मन से होती हैं”
— गोपाल कौशल “भोजवाल”