कविता – मुद्रा का इतिहास
मुद्रा का इतिहास
मुद्रा का इतिहास बताता है
इस क्षेत्र में क्रमिक विकास हुआ है
उसी तरह हमारे लेनदेन के स्वरूप
का भी विकास हुआ है
वस्तुओं की अदला बदली से लेकर
धातुओं तक का विनिमय हुआ है
फ़िर सिक्कों से नोटों तक का विकास
फिर चेक कार्ड एटीएम अब डिजिटल हुआ है
प्रौद्योगिकी से वित्त की दुनिया में तेज़ी से
बहुत बड़ा बदलाव हुआ है
अब मोबाइल द्वारा भुगतान नें
एटीएम नगद निकासी को पीछे छोड़ दिया है
पूर्णरूपेण डिजिटल बैंक अब हमारे हाथ में है
बिना किसी इमारत बैंक हमारे साथ में है
चौबीस घंटे मोबाइल ऐप हमारे साथ में है
प्रौद्योगिकी का कमाल बटन दबाना हमारे हाथ में है
-लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र