राष्ट्र- प्रेम को कभी ना भूलें
समय है आज सभी मिलकर सोप विचारें , ,
सर्व प्रथम हम आपने मन को शुद्ध बनायें,
जीवन में हम देश प्रेम को कभी ना भूलें,
देश में रहने वालों के दुःख दूर भगाएं
सदा ही दृढ हो सत्य बोलने का हम व्रत लें,
प्रेम की वाणी बोल के सब का मन हर्षाएं
दया भाव से सब की हम सेवा करके,
पर-पीड़ा को दूर कर के प्रसन्ता पाएं
देश की रक्षा जो करते सम्मान करें हम
,वीर गति जो पाएं श्रद्धा के फूल चढ़ाएं
देश में सच्चे प्राणी से मित्रता करके ,
उच्च विचारों से हम देश का मान बढ़ाएं
— डा केवलकृष्ण पाठक