क्षणिका

फूल (पुष्प-सुमन)

Flower may protect your health better than medicine

इन्हें फूल (मूर्ख) न कहो, बहुत बुद्धिमान हैं ये,
महकता-चहकता स्वाभिमान हैं ये,
इनकी भाव-प्रवणता का जवाब नहीं,
आनंद के आगार, प्रभु का वरदान हैं ये.
जी भर महक लुटाते हैं ये,
तनिक भी नहीं इतराते हैं ये,
कोमल हैं कमजोर नहीं हैं,
स्नेह से सबको सिखाते हैं ये.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244