यादें
जिन्हें उम्मीद होती है
यादें याद आने के बाद एक निश्चित समय पर
मिलना होगा
उनकी यादों में मिलन की खुशबू होती है
मतलब दर्द के बाद एक चहकती खुशी
पर कुछ ऐसे भी लोग हैं
जिनके जीवन में
यादों का वजूद बुलबुले की तरह होती है
दर्द का विस्तार तो अथाह होता
लेकिन उसपर
मरहम लगने की चाह खोखली होती
किसी का किसी से बिछड़ने का दर्द,
अपनों का खोने का दर्द और जो
छोड़कर जा चुके हैं इस संसार को
एक ऐसा भी भयानक दर्द
उनके जीवन में यादों का होना, आना
एक छाया के समान है जिसकी,
मौजूदगी रुलाती है सताती है
पर कहीं दूर तलक
उस दर्द का कोना भर भी
सिमटने की गुंजाइश नहीं होती
बस दिल में उफन रहे स्मृतियों के मीठे समंदर में
गोते लगाते रहते हैं इसी दौरान न जाने कब
उनके आंखों से
खारे जल का बहाव निकल पड़ता है
एक अनन्त दिशा की ओर
अनिश्चित ठहराव के लिए….
(कोरोना ने बहुतों से उनकी जिंदगी उनकी खुशी छीन ली है)😢