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किस्मत की चमकान!

भाग्य-किस्मत-संयोग कुछ ऐसी ही चीजें हैं जिनके बारे में सभी एकमत हो ही नहीं सकते हैं. आप इनके अस्तित्व को न तो ठुकरा सकते हैं, न ही इनके भरोसे बैठे रह सकते हैं. यह भी सत्य है कि किस्मत केवल बहादुरों का साथ देती है.

वास्तव में किस्मत के दो आयाम होते हैं- योग्यता और अवसर.
योग्यता से किस्मत बदलना खून-पसीने द्वारा प्राप्त उपलब्धि है, अवसर से किस्मत बदलना किस्मत की चमकान कही जा सकती है. आज हम मुख्यतया किस्मत की चमकान की ही बात करते हैं.

मछली पकड़ने गए थे मछुआरे, लेकिन समुद्र में तैरते दिखे बॉक्स, खोला तो किस्मत चमक गई!

कुछ लोगों की किस्मत कमाल नहीं, बेमिसाल होती है। अब सोचिए… समंदर में जहां दूर-दूर तक कुछ नहीं आता, वहां मछुआरे के ग्रुप को ऐसा खजाना मिला, जिसकी चाहत बहुत से नौजवान रखते हैं। यह मामला है इंडोनेशिया का, जहां मछुआरों का एक दल बांग्का बेतीलुग (Bangka Belitung) में मछली पकड़ने गया था। लेकिन मछली पकड़ने के दौरान उनकी नजर पानी में तैरते कुछ बॉक्स पर पड़ी। उन्होंने बॉक्स को खींचकर नाव पर लाद लिया। लेकिन भैया, जब उन्होंने बॉक्स खोलकर देखा, तो बस देखते ही रह गए। क्योंकि बॉक्स एप्पल प्रॉडक्ट्स (Apple Products) से भरा था।

किस्मत! एम्बुलेंस ड्राइवर ने सुबह में खरीदी ₹270 की लॉटरी, दोपहर में बन गया करोड़पति
शेख हीरा, एक एम्बुलेंस ड्राइवर ( Ambulance Driver ) हैं। वह पश्चिम बंगाल (West Bengal) के रहने वाले हैं। उन्होंने सुबह में 270 रुपये का एक लॉटरी टिकट खरीदा था। अब भैया… उन्हें क्या पता था कि उनकी किस्मत इतनी शानदार निकलेगी कि वो दोपहर तक करोड़पति (Crorepati) बन जाएंगे। जी हां, उन्होंने जो टिकट सुबह खरीदा था उसका जब दोपहर में परिणाम आया तो पता चला कि वह 1 करोड़ रुपये का जैकपॉट जीत गए हैं। शेख ने कहा कि अब वो अपनी बीमार मां का सबसे अच्छे अस्पताल में इलाज करवाएंगे और रहने के लिए एक बढ़िया सा घर बनवाएंगे।

MP News: पन्ना में फिर चमकी किसान की किस्मत, खेत में खुदाई के दौरान मिला 50 लाख का हीरा
पन्ना के खदानों में 12 लाख कैरेट हीरा दबे होने का अनुमान है। प्रदेश सरकार जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े स्थानीय किसानों और मजदूरों को खुदाई के लिए लीज पर देती है। किसानों को जो हीरा मिलता है, वे उसे जिला खनन विभाग में जमा करते हैं। फिर उसकी नीलामी की जाती है और इससे मिलने वाली रकम किसानों को दी जाती है.

सीप में मोती!
वाह रे किस्मत! Oyster खा रही थी महिला, अंदर से निकले 12 बेशकीमती मोती
अमेरिका में एक शहर है न्यू ऑरलियन्स, उसकी 32 साल की किंडरगार्टन टीचर कीली हिल (Keely Hill) ने बताया कि सी फूड खाते हुए एक मोती को तो उन्होंने गलती से चबा भी लिया था। कीली ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये मोती कितने कीमती हैं। लेकिन उनकी एक आंटी ने उनसे कभी कहा था कि सीप के अंदर पाए जाने वाले मोती की बेशकीमती होती हैं। फिलहाल उनकी योजना है कि वह इन मोतियों को बेचने की बजाए उनसे एक प्यारा सा पर्ल सेट बनावाएंगी। साथ ही, जिस मोती का साइज थोड़ा बड़ा है उससे अंगूठी बनवाएंगी, जिसे देखकर वो हमेशा इस दिन को याद करेंगी।

फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले अर्शदीप सिंह की किस्मत की चमकान योग्यता से भी है और किस्मत से भी.
Arshdeep Singh Retained: खाकपति से करोड़पति.. साइकल से चलने वाले अर्शदीप सिंह की यूं बदली किस्मत
क्रिकेटरों को धनकुबेर बनाने वाली किकेट लीग ‘IPL’ ने एक और क्रिकेटर की किस्मत बदली है। वह हैं पंजाब के अर्शदीप सिंह। कभी क्रिकेट सीखने के लिए साइकल या बस से मीलों दूर की यात्रा करने वाले अर्शदीप को पंजाब किंग्स ने रिटेन किया है। इस अनकैप्ड खिलाड़ी को 4 करोड़ रुपये मिलेंगे।

क्या खूब किस्मत चमकी हर्षाली की!
5000 बच्‍चों में ‘बजरंगी भाईजान’ ने चुनी थी ‘मुन्‍नी’, हर्षाली ने कहा था- सलमान अंकल आप मुझे सुपरस्‍टार बनाओगे?
हर्षाली मल्होत्रा (Harshaali Malhotra) ने ‘मुन्नी’ का किरदार निभाया था और बिना कुछ बोले ही अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया था.
साल 2015 में एक फिल्म रिलीज हुई, जिसका नाम था ‘बजरंगी भाईजान’ (Bajrangi Bhaijaan)। इस ब्लॉकबस्टर मूवी ने दर्शकों को न सिर्फ अच्छी कहानी दी, बल्कि लोगों की आंखें भी नम कर दीं। खूबसूरत लोकेशन, भारत-पाकिस्तान के इमोशंस, जुबां पर चढ़ जाने वाले गानें, शानदार एक्टिंग और एक छोटी-सी बच्ची ‘मुन्नी।’ पूरी फिल्म में ये एक ऐसा किरदार था, जिसने सिर्फ एक शब्द कहा था ‘मामा’ और ये सुनकर सभी का दिल भर आया था। ये किरदार 6 साल की क्यूट बच्ची हर्षाली मल्होत्रा (Harshaali Malhotra) ने निभाया था और बिना कुछ बोले ही अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया था।

इस बच्ची की किस्मत देखिए!
IAS ने बच्ची को अपनी कुर्सी पर बैठाया, दुनिया को दे दिया बड़ा संदेश-
सेल्वाकुमारी जयाराजन पेशे से आईएएस हैं. वो लिखती हैं ‘ये क्यूट लड़की एक दिन आईएएस बनना चाहती है. उसने मुझसे पूछा कि इस कुर्सी पर बैठने पर कैसा महसूस होता है?”
और IAS ने बच्ची को अपनी कुर्सी पर बैठाया. देखी बच्ची की किस्मत! चाहने भर से IAS की कुर्सी पर बैठने का अवसर पाया!
यूजर्स ने बच्ची को हौसला देने के लिए भी उनकी सराहना की। एक यूजर ने लिखा कि यह इस बच्ची के लिए हॉटसीट है। वहीं एक यूजर लिखते हैं, ‘मैम आपने बच्ची को कुर्सी पर बिठाकर उसे आईएएस बनने के विचार को अग्रिम पथ दे दिया है।’ बड़े सपने देखते रहो दोस्तो, अच्छा सोचने और बड़ी सोच रखने में कभी बुराई नहीं होती।

हमने आपसे कहा था न! योग्यता से किस्मत बदलना खून-पसीने द्वारा प्राप्त उपलब्धि है. इसी उपलब्धि से बेटे को मिला 2.5Cr का पैकेज और किसान पिता को गौरवमई प्रसन्नता!
सारी उम्र पिता ने की खेती, बेटे को मिला 2.5Cr का पैकेज, मेहनत रंग लाई-
जब इंसान की मेहनत रंग लाती है तो खुशी का लेवल सातवें आसमान पर होता है। छोटे शहर के लोग जब तमाम दिक्कतों के बाद बड़ा मुकाम हासिल कर लेते हैं तो बात बहुत ऐसे लोगों तक पहुंच जाती है जो जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं। उत्तराखंड के रहने वाले रोहित नेगी जिनके पिता किसान हैं। इन दिनों वो खबरों में छाए हुए हैं। फिलहाल रोहित आईआईटी गुवाहटी से MTech कर रहे हैं। लेकिन उन्हें Uber कंपनी से एक बहुत बड़ा ऑफर मिला है। कोटद्वार भाबर के निवासी रोहित को उबर की ओर से 2.05 करोड़ का सालाना पैकेज मिला है। इस क्षेत्र में किसी छात्र को मिलने वाला अब तक का यह सबसे बड़ा पैकेज है।

बच्ची की किस्मत देखिए!
बच्ची सांस नहीं ले पा रही थी, पालतू कुत्ते ने ऐसे बचाई उसकी जान-
एक मां ने ट्विटर के जरिए दुनिया को बताया कि कैसे उसके पालतू कुत्ते ने उनकी बच्ची की जान बचा ली। यहां तक उन्होंने लिखा कि वे कुत्ते के लायक नहीं हैं। क्योंकि जब उनका डॉगी लगातार उनकी बीमारी बच्ची को जगाने की कोशिश कर रहा था, तो वह उससे तंग आ गई थीं। दरअसल, शुरुआत में उन्हें लगा कि उनका कुत्ता उनकी बीमार बच्ची को परेशान कर रहा है। हालांकि, जब केली को पता चला कि बच्ची की सांसे थम चुकी हैं तो वह अपने किए पर काफी शर्मिंदा हुईं। बता दें, अब बच्ची की हेल्थ पहले से काफी बेहतर है। मुझे नहीं पता कि अगर उसने बच्ची को जगाया नहीं होता तो क्या होता। हम कुत्तों के लायक नहीं है।

इस बहन की किस्मत!
कश्मीर में आतंकी से लड़ते हुए शहीद हुआ था भाई, बहन की शादी में डोली सजाने पहुंचे CRPF वाले ‘भैया’
रायबरेली में सीआरपीएफ के शहीद जवान शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन की शादी थी। शादी समारोह तो आम ही होना था, लेकिन सीआरपीएफ के जवानों ने इसे खास बना दिया। शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन का मंडप वर्दीधारी भाइयों ने थामा तो वहां मौजूद हर कोई शहीद को याद कर अपनी आंखों के कोर को पोंछता नजर आया। दुल्हन फेरे लेने के लिए आगे बढ़ रही थी और कुछ वर्दी तो कुछ सादी वर्दी में जवान मंडप थामे बहन को लेकर चल रहे थे। गीत बज रहा था, ‘मेरा सजना मिलेया, सजना मिलेया वधाइयां’। सीआरपीएफ के जवानों ने बहन को नहीं खलने दी भाई की कमी. सीआरपीएफ की ओर से भी जवानों के कार्य की गई सराहना.

मीनू को यह सम्मान किस्मत से नहीं मिला, उसने सम्मान कमाया है-
मीनू की ईमानदारी समाज के लिए मिसाल, एसएसपी ने किया सम्मानित
पैंठ बाजार में सड़क पर मिले 5100 रुपये पुलिस को वापस करने वाली मीनू को एसएसपी ने आफिस में बुलाकर सम्मानित किया। उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया। उन्होंने कहा कि ईमानदारी का परिचय देकर मीनू समाज के लिए एक मिसाल बन गई हैं। इसके साथ लालकुर्ती पुलिस ने युवक को ढूंढकर उसके रुपये भी वापस कराए।

लखनऊ की दुखियारी बीवियों ने बेवक्त बजवा दिया ‘उलटा बाजा’. यह ‘उलटा बाजा’उनके साथ लखनऊ के सारे निवासियों के बहुत काम आया था।

हुआ यों, कि बादशाह गाजीउद्दीन हैदर के वक्त तक हुस्नबाग स्थित रनिवास में बादशाह के बाप-दादों द्वारा छोड़ी और सताई गई औरतों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि उनका एक मुहल्ला-सा ही बस गया था। वे सबकी सब अपने और अपनी लौंडियों व बांदियों के खर्च के लिए शाही खजाने की मोहताज थीं। तिस पर इस आह के साथ गुजर-बसर को अभिशप्त कि ‘ऐ बीवी, जो दिन देख लिए सो देख लिए, अब तो आठ-आठ आंसू रोना है, सारी उम्र।’ शाही खर्च पर जीती थीं, इसलिए उन पर परदे की पाबंदी भी उनके सुनहरे दिनों जैसी ही थी। उनकी मुसीबतें तब और बढ़ गईं, जब खुद को कुछ ज्यादा ही होशियार मानने वाले गाजीउद्दीन के मुलाजिमों ने खर्च के लिए उनको मिलने वाली रकम में, जो पहले ही नाकाफी थी, बड़ी कटौती कर दी। परदानशीन थीं, सो खुद इस कटौती के खिलाफ दरबार तो दरबार, मुलाजिमों के सामने भी नहीं जा सकती थीं, जबकि बांदियों व लौंडियों की मार्फत भेजी फरियादें मुलाजिम सुनते नहीं थे। बस इन बीवियों व बेवाओं ने मिलकर बादशाह से फरियाद की एक अनूठी तरकीब ढूंढ़ निकाली। मुहर्रम अभी दूर था, फिर भी जोर-जोर से ‘उलटा बाजा’ बजवाना शुरू कर दिया। बादशाह ने सुना तो एक मुलाजिम से पूछा, ‘यह कौन है जो बेवक्त मनहूसियत फैला रहा है? जाकर बता आओ उसे कि मुझे बेवक्त की शहनाई भी अच्छी नहीं लगती।’ लेकिन सच्चाई का पता चला तो वह अपराधबोध से भर गए। बाजा बजवाती औरतों के पास जाकर माफी मांगी, उनके कुसूरवार मुलाजिमों से कैफियत तलब की और आगे कभी ऐसी बेजा कटौतियां न करने का हुक्म दिया। ऐसा ही बेहतरीन हुक्म आम जनता की शिकायतों के लिए भी दिया गया.

इस गरीब दिव्यांग की किस्मत देखिए! मुंबई पुलिस के जवान ने उसे सड़क पार करवाई, मुंबई पुलिस के जवान को भी शाबाशी दिलवाई!
मुंबई पुलिस के जवान का वीडियो वायरल, लोग बोले- ये होता है सच्चा सेवक!
मुंबई की एक व्यस्त सड़क पर गाड़ियां दौड़ रही हैं। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी गरीब दिव्यांग का हाथ पकड़कर उसे सड़क पार करवाता दिखाई देता है। जवान, जिस बुजुर्ग को सड़क पार करवा रहा है, वो एक फट्टे पर बैठा है जिसके नीचे पहिए लगे हैं। वह उसे हाथों से धक्का देते हुए आगे बढ़ रहा है। दिव्यांग की मदद का यह वीडियो देख लोग पुलिसकर्मी को सैल्यूट कर रहे हैं!

कहते हैं जो भाग्य में लिखा है वह भाग के आएगा, और जो नहीं लिखा है वह भाग कर चला जाएगा, फिर खुश या दुखी होने की क्या आवश्यकता है आप अपने कर्म करते रहो. बहरहाल किस्मत की चमकान वाले खुद तो खुश होते ही हैं, सुनने-देखने वालों को भी खुश कर देते हैं.
आज बस इतना ही. किस्मत की चमकान के किस्से और भी हैं. शेष आपकी-हमारी तरफ से कामेंट्स में.

किस्मत की चमकान के ढेरों किस्से आप इस ब्लॉग में पढ़ सकते हैं-
लॉटरी
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/rasleela/lottery/

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244