बेटी नहीं सुरक्षित है जग में
बेटी नहीं सुरक्षित है जग में
करो सुरक्षा की कोई उपाय
धरा पर घूम रहा है दुःशाषण
माँ की कोख ही सुरक्षित आप
बेटी नही सुरक्षित है जग में
कैसे बेटी की सुरक्षा की जाय
हर नुक्कड़ पर खड़ा है दुःशाषण
घर से बाहर इन्हें कौन बचाये
बेटी नहीं सुरक्षित है जग में
कौन करे सुरक्षा की उपाय
हर गली में खड़ा है दुःशाषण
क्या कब्रिस्तान में ही सुरक्षा पाय
बेटी नहीं सुरक्षित है जग में
बिगड़े बेटे को कौन समझाय
चारों ओर खड़ा है शिकारी
कौन है जो बेटी को बचाय
बेटी नहीं सुरक्षित है जग में
बेटी के पीछे पापी समुदाय
कहाँ छुपा है कृष्ण कन्हैय्या
कोई तो करो सुरक्षा की उपाय
— उदय किशोर साह