कविता

नया साल और संकल्प

आओ नए साल के कुछ संकल्प करें,
नए साल में नया कुछ तो करना है,
पुरातन की त्रुटियों से सीख लेकर,
उन्हें सुधारने का शुभ भाव मन में भरना है.

तुम कहोगे, संकल्प करना व्यर्थ है,
संकल्प तो होते ही टूट जाने के लिए हैं,
बिना संकल्प के दिशा भ्रम हो जाना है,
संकल्प से ही नए आयाम मिलने हैं.

नाव संकल्प की हो तो किनारा पाओगे,
काम अधूरा न छोड़ा तो सफल हो जाओगे,
दूर हो लक्ष्य तो क्या, मन को छोटा मत करना,
रास्ते में हिम्मत तोड़ी तो भटक जाओगे.

अच्छे संकल्प से मंजिल को पाना है,
काम पूरा करके सफलता की ओर जाना है,
दूर हो लक्ष्य हो तो मन को छोटा नहीं करना है,
रास्ते में हिम्मत न तोड़ने का वादा निभाना है.

चलिए एक वादा तो अवश्य करना है,
वादा करके वादा अवश्य निभाना है,
संकल्प को अपना सशक्त संबल बनाकर,
हर लम्हे को मधुरिम यादगार बनाना है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244