लघु कथा – लूटेरा
तीन लूटेरों ने देशी कट्टे की नोक पर दिनदहाड़े तीन लाख रूपए एक व्यापारी से लूट लिए। राहगिरों ने रूपए से भरे ब्रीफकेस के साथ एक लूटेरे को खदेड़कर पकड़ लिया। भीड़ अपने –अपने हाथ का मैल उसपर साफ करने लगी।
सूचना मिलते ही स्थानीय थाना मौके ए वारदात पर पहुंच गई। थानाध्यक्ष लूट की रकम कब्जे में लेकर गाड़ी में बैठ गए और रूपए की गिनती करने लगे।
” हुजूर! भीड़ लूटेरे की जान ले लेगी।”उनके ड्राइवर ने कहा।
“हूं…”
थोड़ी देर बाद ड्राइवर ने फिर कहा– ” हुजूर! पुलिस की उपस्थिति में हत्या हुई है।अदालत हमें भी कटघरे में खड़ा कर देगी।”
“ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट करो। बैंक चलो।”
— उमाकांत भारती