कविता

एहसास हूँ

एहसास हूँ
मैं जिसका न कोई रंग
न कोई आकार
बस मीठी सी कसक है
जो पहुँचे दिल से दिल तक।
एहसास हूँ
मैं जिसका न कोई वक्त
 न कोई मौसम
बस मीठी सी महक है
जो पहुँचे दिल से दिल तक।
एहसास हूँ
मैं जिसका न कोई नाम
न कोई पहचान
बस मीठी सी धड़कन है
जो पहुँचे दिल से दिल तक।
एहसास हूँ
मैं जिसका न कोई धर्म
न कोई भाषा
बस मीठी सी उल्फ़त है
जो पहुँचे दिल से दिल तक।
एहसास हूँ मैं
खामोश हूँ मैं
सदा हूँ
बस प्यार हूँ मैं
जिसे छू लूँ दिल से
रम जाऊं उसी में
हो फिर वो प्रीत
भक्ति या देश
एहसास बन बस नस नस
में बहती हूँ लहू सी
खामोश, बेजुबां, बिना भेदभाव के।।
— मीनाक्षी सुकुमारन

मीनाक्षी सुकुमारन

नाम : श्रीमती मीनाक्षी सुकुमारन जन्मतिथि : 18 सितंबर पता : डी 214 रेल नगर प्लाट न . 1 सेक्टर 50 नॉएडा ( यू.पी) शिक्षा : एम ए ( अंग्रेज़ी) & एम ए (हिन्दी) मेरे बारे में : मुझे कविता लिखना व् पुराने गीत ,ग़ज़ल सुनना बेहद पसंद है | विभिन्न अख़बारों में व् विशेष रूप से राष्टीय सहारा ,sunday मेल में निरंतर लेख, साक्षात्कार आदि समय समय पर प्रकशित होते रहे हैं और आकाशवाणी (युववाणी ) पर भी सक्रिय रूप से अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे हैं | हाल ही में प्रकाशित काव्य संग्रहों .....”अपने - अपने सपने , “अपना – अपना आसमान “ “अपनी –अपनी धरती “ व् “ निर्झरिका “ में कवितायेँ प्रकाशित | अखण्ड भारत पत्रिका : रानी लक्ष्मीबाई विशेषांक में भी कविता प्रकाशित| कनाडा से प्रकाशित इ मेल पत्रिका में भी कवितायेँ प्रकाशित | हाल ही में भाषा सहोदरी द्वारा "साँझा काव्य संग्रह" में भी कवितायेँ प्रकाशित |