कविता

आचार विचार

विचारों की गहनता
हमारे आचार में झलकती है,
हमारी पहचान को
हमारे व्यक्तित्व को दर्शाती है।
कहना आसान भी है और कठिन भी
पर हमारे विचार हमारे आचरण में
आखिर आ ही जाते है,
हमारे विचारों का दर्शन
आखिर आचार में प्रकट हो ही जाते हैं।
आचार विचार का समन्वय
बड़ा सुंदर होता है,
आचार विचार का मेल बेमेल हो
ऐसा कम ही दिखता।
यह और बात है कि शातिर दिमाग
यहां भी खेल कर जाते हैं,
पर पर्दा डालने की कोशिशों में ही
स्वयं बेपर्दा हो जाते हैं।
आचार विचार में संतुलन जरूरी है
यह मजबूरी नहीं है,
अपने व्यक्तित्व की पहचान के लिए
आचार विचार में समन्वय
हमारी पहचान अलग से कराते हैं,
आचार विचार का महत्व
सारी दुनियां को बताते हैं।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921