“जय विजय” का भी सम्मान
विजय भाई,
नमस्कार,
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,
जय विजय रचनाकार सम्मान योजना, 2021 के परिणाम घोषित करने के लिए बहुत-बहुत बधाइयां. यह न केवल रचनाकारों का सम्मान है, “जय विजय” का भी सम्मान है. हमको भी इस सम्मान का सहभागी बनने का अवसर देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया और “जय विजय” की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए अनंत शुभकामनाएं.
लीला तिवानी
जिन नामित लेखकों-साहित्यकारों का नाम इस पुरस्कृत लेखकों-साहित्यकारों की सूची में नहीं आ सका है, इसका अर्थ यह नहीं है, कि उनकी रचनाएं श्रेष्ठ नहीं हैं. सीमित पुरस्कारों के कारण ही ऐसा हुआ है. सभी नामित एवं अन्य लेखकों-साहित्यकारों को भी हमारी ओर से अनंत बधाइयां और शुभकामनाएं-
सभी पुरस्कृत लेखकों-साहित्यकारों को भी हमारी ओर से अनंत बधाइयां और शुभकामनाएं-
2. श्रीमती पुष्पा अवस्थी
3. प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे
1. लेख – भावना ठाकर
2. गजल – डॉ. डी.एम. मिश्र
3. गीत – ओम प्रकाश बिंजवे
4. कविता – सुधीर श्रीवास्तव
5. कहानी – आशा शैली
6. लघुकथा – चंचल जैन
7. हास्य-व्यंग्य – डॉ. प्रदीप उपाध्याय
8. बाल साहित्य – डॉ. भगवत स्वरूप शुभम
बाल भास्कर मिश्र (गीत विधा)
हमीद कानपुरी (गजल विधा)
जय विजय स्तम्भ सम्मान, 2021
जय विजय से जुड़े हुए कई ऐसे रचनाकार हैं, जिन्होंने दीर्घकाल से अपनी रचनायें देकर और नये रचनाकारों को जय विजय से जोड़कर इसके प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। ऐसे व्यक्ति जय विजय के स्तम्भ के समान हैं। अतः इस वर्ष हम ऐसे तीन व्यक्तियों को जय विजय स्तम्भ सम्मान प्रदान करते हुए स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। उनके नाम हैं-
1. श्रीमती लीला तिवानी
2. श्रीमती पुष्पा अवस्थी
3. प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे
एक बार फिर “जय विजय” की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए अनंत शुभकामनाएं.
लीला तिवानी
आदरणीय लीला दीदी, सादर प्रणाम। ” जय विजय पत्रिका” को सम्मानित किया गया। बहुत बहुत बधाई। जय विजय से जुड़ना हमारा सौभाग्य हैं। आदरणीय विजय जी को हमारा सादर वंदन एवं बहुत बहुत बधाई।
चंचल जी, सम्मान एक समारोह है, जो सम्मान लेने वालों को तो और हर्षित रोशन करता है, सम्मान देने वालों को भी और हर्षित रोशन करता है. यह सम्मान लेने-देने का पारस्परिक समारोह है. सम्मान से सम्मान मिलता है. आपको भी बधाई, विजय भाई को बधाई, जय विजय को भी बधाई.
प्रणाम ! सब आपके ही आशीर्वाद हैं बहिन जी !
विजय भाई, आपका साहस काबिलेतारीफ है. कैसे साहस से आपने छोटी-सी साइट से इतनी बड़ी वेबसाइट खड़ी कर दी और कमाल के साहित्यकारों को अपने साथ जोड़ लिया, यह साहस अनुकरणीय है. साहित्यकारों को इतना शानदार मंच मिलना उनका सौभाग्य भी है. जिस शिद्दत से आप हिंदी की जितनी सेवा कर रहे हैं, वह अविस्मरणीय है. एक बार फिर “जय विजय” की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए अनंत शुभकामनाएं.