कविता

देश हमारा सबसे प्यारा

देश हमारा सबसे प्यारा,
  विभा इसकी बढ़ाएंगे।
इसके रजकण से ही अपने,
  माथे तिलक लगाएंगे।
       भारत प्यारा देश हमारा,
         गीत खुशी की गाएंगे।
       देश की रक्षा के खातिर हम,
         सर्वस्व आत्म लुटाएंगे।
अमर शहीदों की वेदी पर,
  भाल अपना झुकाएंगे।
उनके पदचिन्हों पर चलकर,
  देश की हद बढ़ाएंगे।
       देश से पहचान है अपनी,
         दिल में इसे बसाएंगे।
       देश के खातिर ही जिएंगे,
         इसपे ही मिट जाएंगे।
आजादी का अमृत महोत्सव,
  हम सभी मिल मनाएंगे।
आजादी के मतवालों को,
  श्रद्धा सुमन चढ़ाएंगे।
— कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

कुमकुम कुमारी "काव्याकृति"

मुंगेर, बिहार