ईश्वर का साक्षात् रूप:मां
मां
शब्द
बड़ा ही
व्यापक है।
मां सिर्फ एक
शब्द नहीं,किंतु
प्रेम,दया,करुणा
सेवा,त्याग,समर्पण
शील,सहानुभूति और
सहनशीलता का साक्षात्
सदेह और साकार रूप है।
मां ईश्वर की अनुपम भेंट है।
ईश्वर का निश्चल निर्मल रूप है।
मां की दुआओं में बड़ी ताकत होती हैं।
मां की दुआएं हमेशा कवच बनकर
हमारी सुरक्षा करती ही रहती हैं।
मां के पैरों को छूने से स्वर्ग के द्वार
अपने आप खुल जाते हैं,क्योंकि
मां ही स्वर्गारोहण की सीढ़ी है।
मां की सेवा ईश्वर-सेवा है।
मां को सुख और संतोष
प्रदान करना ही है
सब धर्मों का सार।
ईश्वर प्राप्ति का
इससे श्रेष्ठ
और कोई
उपाय
नहीं
है।
समीर उपाध्याय