मुस्कुराना सीखो!
आंख है भरी भरी और हम मुस्कुराने की बात करते हैं,
हमने कांटों से घिरे मुस्कुराते हुए गुलाब से यह अदा सीखी है,
हर तरफ़ धुंआ-धुंआ और हम दिल जलाने की बात करते हैं,
हमने रात भर मुस्कुराकर जलती हुई शमा से यह अदा सीखी है,
लोग तो कहेंगे- “तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो!”
हमने तो “दुःख में पुलकित हो तो जानें” कविता भी लिखी है.