पर्यावरण

डीवर्मिंग-डे’ मनाइये, खुश और स्वस्थ रहिये

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सलाह के अनुसार नियमित रूप से डीवर्मिंग करने से बच्चों और किशोरों में कृमि संक्रमण समाप्त हो जाता है, जिससे बेहतर पोषण और स्वास्थ्य प्राप्त करने में योगदान होता है। हेल्मिंथियासिस परजीवी कृमियों से होने वाला संक्रमण या रोग है। राष्ट्रीय डीवर्मिंग दिवस को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10 फरवरी और 10 अगस्त को द्विवार्षिक रूप से मनाया जाता है। डीवर्मिंग का कार्यान्वयन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नेतृत्व में, महिला और बाल विकास मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ और तकनीकी भागीदारों से तकनीकी सहायता के सहयोग से किया जाता है। इसे 2015 में लॉन्च किया गया था।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 1- 19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों में आंतों के कृमि संक्रमण के इलाज के लिए एक निश्चित दिन है। यह एक सॉयल ट्रांसमिटेड हेल्मिन्थ (एसटीएच) संक्रमण के नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों द्वारा स्कूलों और आंगनबाड़ियों में सभी बच्चों को कृमिनाशक गोली दी जाती है। कृमिनाशक गोली के अलावा, स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जल, स्वच्छता और स्वच्छता  से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। डीवर्मिंग कार्यक्रम बड़े पैमाने का प्रभावी कार्यक्रम है जो एक सुरक्षित दवा एल्बेंडाजोल के माध्यम से करोड़ों बच्चों और किशोरों तक पहुंच रखता है।

भारत में कृमि संक्रमण ज्यादा है और 14 वर्ष से कम आयु की भारतीय जनसंख्या का 64% मृदा संचरित कृमि (एसटीएच) या कृमियों के संक्रमण (डब्ल्यूएचओ) के जोखिम से ग्रसित है। मृदा संचारित कृमि (एसटीएच) बच्चों में पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं; जिसे एनीमिया, कुपोषण और बिगड़ा हुआ मानसिक और शारीरिक विकास हो सकता है। कुपोषण और एनीमिया की स्थिति जो (एसटीएच) मृदा संचारित कृमि से जुड़ी है, देश भर के विभिन्न जनसंख्या समूहों (डब्ल्यूएचओ) में 40% से 70% तक है। ये जीवन में बाद में बच्चों की शिक्षा और उत्पादकता के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं।

आंतों के परजीवी कीड़े ऐसे बड़े बहुकोशिकीय जीव हैं, जो परिपक्व होने पर आम तौर पर नग्न आंखों से देखे जा सकते हैं। उन्हें हेल्मिंथ भी कहा जाता है। उन्हें अक्सर आंतों के कीड़े के रूप में जाना जाता है, भले ही सभी कीड़े आंतों में नहीं रहते हैं। मृदा-संचारित कीड़े दूषित मिट्टी के माध्यम से संचरित होते हैं। आंतों के कीड़े परजीवी होते हैं जो मानव आंतों में रहते हैं और एक बच्चे के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिन का सेवन खुद कर लेते हैं।

तीन मुख्य प्रकार के कृमि हैं जो लोगों को संक्रमित करते हैं, राउंडवॉर्म (एस्करिस लुम्ब्रिकोइड्स), व्हिपवर्म (ट्राइचुरिस ट्राइचुरा) और हुकवर्म (नेकेटर अमेरिकन और एंकिलोस्टोमा डुओडेनेल)।
ये कीड़े अपने भोजन और जीवित रहने के लिए मानव शरीर पर निर्भर करते हैं और वहां रहते हुए हर दिन हजारों अंडे देते हैं। मृदा-संचारित कृमि उन अंडों द्वारा संचरित होते हैं जो संक्रमित लोगों के मल में पारित हो जाते हैं। जिन क्षेत्रों में पर्याप्त स्वच्छता की कमी है, वहां ये अंडे मिट्टी को दूषित करते हैं।

भारत का डीवर्मिंग आंगनवाड़ी और स्कूल-आधारित सामूहिक कृमि मुक्ति कार्यक्रम सुरक्षित एवं लागत प्रभावी है और जल्दी से करोड़ों बच्चों तक पहुँच सकता है। सुरक्षित और लाभकारी टैबलेट एल्बेंडाजोल (400 मिलीग्राम) और मेबेंडाजोल (500 मिलीग्राम) गैर-चिकित्सा कर्मियों (जैसे शिक्षक) द्वारा प्रभावी और सस्ती कृमि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एक साक्ष्य-आधारित, विश्व स्तर पर स्वीकृत और प्रभावी समाधान है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना सभी बच्चों तक पहुंचने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसको चाव से मनाइये और खुश और स्वस्थ रहिये।

 सत्यवान सौरभ’

डॉ. सत्यवान सौरभ

✍ सत्यवान सौरभ, जन्म वर्ष- 1989 सम्प्रति: वेटरनरी इंस्पेक्टर, हरियाणा सरकार ईमेल: [email protected] सम्पर्क: परी वाटिका, कौशल्या भवन , बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045 मोबाइल :9466526148,01255281381 *अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों भाषाओँ में समान्तर लेखन....जन्म वर्ष- 1989 प्रकाशित पुस्तकें: यादें 2005 काव्य संग्रह ( मात्र 16 साल की उम्र में कक्षा 11th में पढ़ते हुए लिखा ), तितली है खामोश दोहा संग्रह प्रकाशनाधीन प्रकाशन- देश-विदेश की एक हज़ार से ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशन ! प्रसारण: आकाशवाणी हिसार, रोहतक एवं कुरुक्षेत्र से , दूरदर्शन हिसार, चंडीगढ़ एवं जनता टीवी हरियाणा से समय-समय पर संपादन: प्रयास पाक्षिक सम्मान/ अवार्ड: 1 सर्वश्रेष्ठ निबंध लेखन पुरस्कार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी 2004 2 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड काव्य प्रतियोगिता प्रोत्साहन पुरस्कार 2005 3 अखिल भारतीय प्रजापति सभा पुरस्कार नागौर राजस्थान 2006 4 प्रेरणा पुरस्कार हिसार हरियाणा 2006 5 साहित्य साधक इलाहाबाद उत्तर प्रदेश 2007 6 राष्ट्र भाषा रत्न कप्तानगंज उत्तरप्रदेश 2008 7 अखिल भारतीय साहित्य परिषद पुरस्कार भिवानी हरियाणा 2015 8 आईपीएस मनुमुक्त मानव पुरस्कार 2019 9 इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ रिसर्च एंड रिव्यु में शोध आलेख प्रकाशित, डॉ कुसुम जैन ने सौरभ के लिखे ग्राम्य संस्कृति के आलेखों को बनाया आधार 2020 10 पिछले 20 सालों से सामाजिक कार्यों और जागरूकता से जुडी कई संस्थाओं और संगठनों में अलग-अलग पदों पर सेवा रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, (मो.) 9466526148 (वार्ता) (मो.) 7015375570 (वार्ता+वाट्स एप) 333,Pari Vatika, Kaushalya Bhawan, Barwa, Hisar-Bhiwani (Haryana)-127045 Contact- 9466526148, 01255281381 facebook - https://www.facebook.com/saty.verma333 twitter- https://twitter.com/SatyawanSaurabh