कविता

जागो नर कुछ कर्म करो

जागो   नर   कुछ   कर्म    करो ।
मत समय बिताओ व्यर्थ कभी।।

रवि  से  सीखो  समय पालन।
धैर्य   सीखो    धरिणी     से।।

जीवन  में  यदि  गति  चाहो।
गति सीखो मारुत नन्दन से।।

उठो  नर  अपना  मार्ग  चुनो।
जैसे  चुनता   वन का  सिंह।।

जीवन   मूल्य   अमूल्य    सदा।
मत समय बिताओ व्यर्थ कभी।।

— अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र

शिक्षाविद,कवि ,लेखक एवं ब्लॉगर

One thought on “जागो नर कुछ कर्म करो

  • अशर्फी लाल मिश्र

    समय का मूल्य समझो और आगे बढ़ो।

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