राजनेता बनने के लिए जरूरी लायकात
सर्व प्रथम तो नेता की शैक्षणिक लायकात कितनी भी कम हो चलेगा।दूसरे कुर्सी के लिए अप्रतिम प्रेम होना भी अत्यंत आवश्यक हैं ।तीसरे उनके पास गोंद का अविरत सप्लाई होना जरूरी हैं क्योंकि कब कुर्सी मिल जाए और चिपकना पड़ जाएं ये तय नहीं होता।
चौथे उनकी चमड़ी खूब मोटी होना जरूरी हैं क्योंकि सभी और से हो रहे शाब्दिक प्रहार और कुछ असंस्कृतिक श्लोकों को सुन न आसान हो जायेगा अगर भावनात्मक स्वभाव हो तो ये नालायकी गिनी जायेगी।
पांचवा चमचा मैनेजमेंट होना अति आवश्यक हैं।चमचे कईं प्रकार के होते हैं,जैसे कि वफादार चमचों को सुनहरा रंग देना होता हैं,दूसरे नंबर के रुपहले चम्मच होता हैं जो चमकता तो हैं किंतु सुनहरे से काम कम करता हैं।और पित्तल का चमच तो दिखता हैं हर वक्त किंतु काम के समय गायब हो जाते हैं।और सबसे खतरनाक दो मुहें चमचे हैं जो सामने तो आपके हैं किंतु पिछवाड़े से विरोध पक्ष के हमदर्द होते हैं और आपकी ही बाते यह निगल कर उधर जा के उगल आते हैं।ये उगलन – निगलन के चक्कर में आपका नुकसान कर जाता हैं।
सबसे आखिर ने आप को खुद भी अपनी नेतागिरी के चमचे बनना जरूरी हैं।और इसमें आपको जूठ बोलने में निपुण होना बहुत जरूरी हैं।क्योंकि जब भी कोई चैनल या पत्रकार आपको प्रश्न पूछे तब अपने आपको बचाने के सारे हथकंडे अपनाने की कला को हस्त करना भी अति आवश्यक होता हैं।शोर मचाओं,सामने वालों के तर्क को गलत तरीके से ही सही किंतु काट डालो और अपनी ही बात को सही ठहराने में निपुण हो जाओ तो, लो बन गए आप नेता बनने के काबिल।
— जयश्री बिरमी