गुनहगार
गुनहगार कहूं किसी को
कहने का कोई हक नहीं मुझको
मैं कौन पाक साफ हूं
जो गिनाऊं किसी की गलतियां
बेहतर है
न उठाऊं किसी की ओर
अपनी यह उंगलियां
उठाने पर एक उंगली
किसी की ओर
शेष उठती है खुद की ही ओर
यही अच्छा है चुप रहूं
न कहूं किसी को गुनहगार
क्योंकि मैं भी तो पाक साफ नहीं