बाल कहानी

बाल कहानी – मासूमियत

“बहुत ठंड है। अभी तुम्हारे लिए गरम चादर तैयार करती हूंँ।”
 चाची ने कमरे के अंदर झाँककर देखा, सात साल की भतीजी नेहा एक पुराने तौलिए को कैंची से काट रही है और कुछ कहे जा रही है।
चाची कमरे के अंदर जाती है और पूछती है,” क्या कर रही हो नेहा?
 आंटी, मेरी गुड़िया को नींद नहीं आ रही है। बहुत ठिठुरन है न आज। सो,गुड़िया के लिए चादर बना रही हूँ।”नेहा ने जवाब दिया।
नेहा  के मासूमियत भरे जवाब से चाची अपनी हँसी रोक नहीं पाई।
“और तुम्हें ठंड नहीं लगती?”
“लगती है न। तभी तो गुड़िया के लिए भी चादर बना रही हूँ।”
— निर्मल कुमार डे

निर्मल कुमार डे

जमशेदपुर झारखंड [email protected]