कविता

किताब -घर

मानवीय सभ्यता के विकास का किताब -घर
जीवन के किस्से -कहानियों वृतांत का किताब -घर
जीवन के रस को जिसने पान किया है।
काव्य धारा के अमृत धारा का किताब -घर
कहानी घर -घर की हो या सभ्यताओं की,
अनगिनत सोपानो का सफर करता है किताब- घर
कितने पहलू जिंदगी से अनबूझ  रहे।
हर पहलू का जानकार किताब -घर।
जिंदगी सदियों से जिन रास्तों से वह के आई है।
इतिहास का स्वर्णिम साक्षरताकार किताब -घर
वक्त भूल जाएगा जिन किरदारों को,
नये किरदारों का भी होगा किताब -घर
मौत के बाद भी जिंदा मिलूंगा।
अमर आत्माओं का है किताब -घर।
— प्रीति शर्मा असीम

प्रीति शर्मा असीम

नालागढ़ ,हिमाचल प्रदेश Email- [email protected]